इस बेटी के आंसू उन लाखों बच्चों की संयुक्त पीड़ा बता रहे हैं जिन्हें फीस न जमा होने के कारण उपहास झेलना पड़ता है।

आर्थिक तंगी बच्चों की शिक्षा में रोड़ा ना बने यह हर जिले के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेदारी है।

निजी संस्थान मानवता न भूलें, शिक्षा व्यापार नहीं है। pic.twitter.com/GZL9RwSICB

— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 18, 2022